हंस पत्रिका |
उपन्यास सम्राट पे्रमचंद द्वारा स्थापित और संपादित हंस अपने समय की अत्यन्त महत्वपूर्ण पत्रिका रही है। महात्मा गांधी और कन्हैयालाल माणिक लाल मुंशी दो वर्ष तक हंस के सम्पादक मंडल में रहे। मुंशी प्रेमचंद की मृत्यु के बाद हंस का संपादन उनके पुत्र प्रसिद्ध कथाकार अमृतराय ने किया। इधर अनेक वर्षों से हंस का प्रकाशन बंद था। |
http://www.hansmonthly.in/down.php?filename=939Hans_October%202010.pdf
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